रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। आजसू पार्टी ने तीन बार के विधायक रहे चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद चुने जाने पर उनकी पत्नी सुनीता चौधरी को चुनावी दंगल में उतारा है। भाजपा से गठबंधन टूटने पर आजसू को यहां सीट बचाने की चुनौती है, इसलिए सुनीता अपनी टीम के साथ प्रचार-प्रसार में लग गई हैं। भाजपा को ऐसे चेहरे की तलाश है, जो आजसू प्रत्याशी को टक्कर दे सके।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आजसू से बात नहीं बनी तो भाजपा यहां से नए चेहरे को उतार सकती है। डॉ. संजय सिंह, छोटन सिंह, रणंजय कुमार (कुंटू) समेत कई नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं। तीनों दावेदार रामगढ़ के हैं, इनमें डॉ. संजय को भारी माना जा रहा है। कांग्रेस ने सुनीता चौधरी को टक्कर देने के लिए गोला की वार्ड पार्षद ममता देवी को उतारा है।
जातीय समीकरण
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी वर्ग के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इसके बाद वैश्य और मुस्लिम वर्ग के वोटर्स हैं। इन वर्गों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में जो उम्मीदवार सफल रहे, वे मजबूत स्थिति में होते हैं।
रामगढ़ के 4 प्रखंडों का सबसे बड़ा मुद्दा
- 1.रामगढ़ : शहर का बड़ा हिस्सा छावनी परिषद क्षेत्र में है। यहां जी+1 मकान ही बना सकते हैं। लोग परिषद के अधिकार कम करने की मांग वर्षों से करते रहे हैं।
- 2.चितरपुर : विकास के कई काम हुए, लेकिन यहां युवाओं का रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। नौकरी के लिए युवाओं को दूसरे शहरों में पलायनल करना पड़ता है।
- 3.दुलमी : भैरवा जलाशय में ग्रामीणों की जमीन गई। उन्हें पुरानी दर पर मुआवजा मिला। इससे नाराजगी कायम है। बेरोजगारी और क्षेत्र से पलायन भी बड़ा मुद्दा है।
- 4.गोला : खेती के लिए प्रसिद्ध। भैरवा जलाशय योजना से नहर बननी थी, पर काम शुरू नहीं हुअा। यहां किसानों की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है।
3 चुनावों का सक्सेस रेट
- 2014 : चंद्रप्रकाश चौधरी, आजसू-98987, शहजादा अनवर, कांग्रेस-45169
- 2009 : चंद्रप्रकाश चौधरी, आजसू-61947, शहजादा अनवर, कांग्रेस-36472
- 2005 : चंद्रप्रकाश चौधरी, आजसू-51249, नादरा बेगम, भाकपा-28970
वोटर्स बोले, रोजगार के लिए युवा कर रहे पलायन
- शिक्षित युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। हर काम के लिए चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। लगाम की जरूरत है।- बैजू रजक, दुलमी
- सड़क के लिए चंद्रप्रकाश चौधरी से सीएम तक फरियाद हुई हैं। इस बार चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।- नरेशचंद महतो, गोला