लंदन. ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या मौजूदा सत्र में एक लाख के पार हो गई है। पिछले साल के सत्र की तुलना में इस साल भारतीय छात्रों की संख्या में करीब 107% का इजाफा हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंग्लैंड में इंटरनेशनल डायरेक्टर (एशिया-पैसिफिक) प्रोफेसर रे प्रीस्ट के मुताबिक इन छात्रों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
ब्रिटेन के 120 प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से 30 हजार यूडब्ल्यूई ब्रिस्टल में हैं। इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंग्लैंड भारत में इस साल अपना स्थायी दफ्तर बना रही है। यह 500 से ज्यादा कोर्स ऑफर कर रही है। भारतीय छात्रों ने ब्रिटेन के करीब 120 संस्थानों में एडमिशन लिया है। सबसे ज्यादा एडमिशन बिजनेस मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, सोशल लाइफ, नर्सिंग और हेल्थ के विषयों में हुए हैं।
भारतीय जॉब मार्केट में भी विदेश में पढ़े छात्रों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही
स्टडीपोर्टल के मुताबिक भारतीय जॉब मार्केट में बैचलर या मास्टर डिग्री वाले घरेलू छात्रों की तुलना में विदेशी डिग्री वाले छात्रों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। विदेशी यूनिवर्सिटी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वहां भारतीय यूनिवर्सिटी की तुलना में रिसर्च पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
दुनिया भर में 30 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र
ब्रिटेन की सरकार ने सितंबर 2019 में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की थी। इनमें पढ़ाई के बाद 2 साल का वर्क वीजा देने की घोषणा भी शामिल है। इससे छात्रों को ब्रिटेन में सफल करियर बनाने और बसने में मदद मिलेगी। ब्रिटेन में भारतीय छात्र चीन की तुलना में 3 गुना और ग्लोबल ट्रेंड से 4 गुना ज्यादा हैं।